भोपाल। इस बार देशभर में हो रहे लोकसभा चुनाव में इतनी चर्चा किसी ओर क्षेत्र की नहीं जितनी भोपाल की है। कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद ये सीट चर्चा में आई। फिर भाजपा ने जब मालेगांव बम कांड की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीवार बनाया तो भोपाल लोकसभा क्षेत्र हॉट सीट में तब्दील हो गया।
भाजपा का कब्जा: लगातार तीन दशक से भाजपा के कब्जे में है। इस दौरान कुल हुए 8 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 5 बार कायस्थ वर्ग से प्रत्याशी मैदान में उतारे, जिसमे चार मर्तबा प्रदेश के पू्र्व मुख्य सचिव रहे स्वर्गीय सुशीलचंद वर्मा यहां से सांसद रहे और वर्तमान में आलोक संजर सांसद हैं। बाकी तीन चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्रियों में उमा भारती और कैलाश जोशी ने राजधानी का संसद में प्रतिनिधित्व किया। इसी के चलते भाजपा इस बार राजधानी से इसी वर्ग से किसी मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है।
यहां से हार चुके हैं डॉ. शंकर दयाल शर्मा: भोपाल लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ तब कांग्रेस की मैमुना सुल्तान यहां पर जीत हासिल की थीं। इसके बाद अगले चुनाव में भी वे फिर से इस क्षेत्र की सांसद बनी। इस सीट से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा भी सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 1971 और 1980 के चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की थी। 1977 के चुनाव में डॉ. शंकर दयाल शर्मा चुनाव हार गए। उन्हें भारतीय लोकदल के आरिफ बेग ने शिकस्त दी।
1989 में खुला भाजपा की जीत का खाता: भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार इस सीट पर 1989 में पहली बार इस लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की। प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव सुशील चंद्र वर्मा ने यहां से जीत हासिल की। इसके बाद वो यहां से लगातार 4 चुनाव में विजयी रहे। उन्होंने 1989, 1991, 1996 और 1998 के चुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद भाजपा ने उन्हें मैदान में नहीं उतारा।
उमाभारती ने कांग्रेस के दिग्गज नेता को दी शिकस्त : 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में उमा भारती ने यहां से जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सुरेश पचौरी को मात दी। इसके बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी यहां से दो बार 2004 और 2009 में जीतकर संसद पहुंचे। उन्हीं के कहने पर 2014 में मौजूदा सांसद आलोक संजर पहली बार टिकट मिला और वे जीत कर संसद पहुंचे। इस सीट पर सबसे ज्यादा भाजपा के सुशील चंद्र वर्मा को जीत मिली है। वे लगातार 4 बार इस सीट पर जीतकर सांसद बने। कांग्रेस को इस सीट पर 5 बार जीत मिली चुकी है.
2014 का जनादेश : 2014 के लोकसभा चुनाव में आलोक संजर ने कांग्रेस के प्रकाश मंगीलाल शर्मा को पराजित किया था। आलोक संजर को इस सीट में 7,14,178 (63.19) फीसदी वोट मिले थे। वहीं प्रकाश मंगीलाल को 3,43,482 (30.39 फीसदी) वोट मिले थे। आलोक संजर ने प्रकाश मंगीलाल को 3,70,696 वोटों से हराया था। इससे पहले 2009 के चुनाव में बीजपी के कैलाश जोशी ने जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह ठाकुर को हराया था। इस चुनाव में कैलाश जोशी को 3,35,678 वोट मिले थे. वहीं सुरेंद्र सिंह ठाकुर को 2,70,521 वोट मिले थे। कैलाश जोशी करीब 65 हजार वोटों से विजयी रहे थे।
विधानसभा क्षेत्र : भोपाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. बेरसिया, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, हुजूर, भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य, सिहौर, नरेला और गोविंदपुरा यहां की विधानसभा सीटें हैं। 8 विधानसभा सीटों में से 5 पर बीजेपी और 3 पर कांग्रेस का कब्जा है।
लोकसभा क्षेत्र की स्थिति
साल जीते हारे 1957 मैमुना सुल्तान(कांग्रेस) हरदयाल देओगन(हिंदू महासभा) 1962 मैमुना सुल्तान(कांग्रेस) ओमप्रकाश(हिंदू महासभा) 1967 जेआर जोशी(जनसंघ) मैमुना सुल्तान(कांग्रेस) 1971 डॉ. शंकरदयाल शर्मा(कांग्रेस) भानूप्रकाश सिंह(जनसंघ) 1977 आरिफ बेग (लोकदल) डॉ. शंकरदयाल शर्मा(कांग्रेस) 1980 डॉ. शंकरदयाल शर्मा(कांग्रेस) आरिफ बेग(जनता पार्टी) 1984 केएन प्रधान (कांग्रेस) लक्ष्मीनारायण शर्मा(भाजपा) 1989 सुशील चंद्र वर्मा(भाजपा) केएन प्रधान (कांग्रेस) 1991 सुशील चंद्र वर्मा(भाजपा) मंसूर अली खान पटौदी(कांग्रेस) 1996 सुशील चंद्र वर्मा(भाजपा) कैलाश अग्निहोत्री(कांग्रेस) 1998 सुशील चंद्र वर्मा(भाजपा) आरिफ बैग(कांग्रेस) 1999 उमाभारती(भाजपा) सुरेश पचौरी(कांग्रेस) 2004 कैलाश जोशी (भाजपा) साजिद अली(कांग्रेस) 2009 कैलाश जोशी (भाजपा) सुरेंद्र सिंह ठाकुर(कांग्रेस) 2014 आलोक संजर (भाजपा) पीसी शर्मा (कांग्रेस)