दरअसल, शहीद हेमंत करकरे और आयोध्या मामले में भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान दिया था। चुनाव आयोग ने इस मामले में प्रज्ञा को नोटिस जारी किया था। प्रज्ञा ने इसका जवाब भी दिया और कहा कि उन्होंने ये बयान अपनी अंतरात्मा की आवाज पर दिए हैं।
आयोग ने संतुष्ठ नहीं हुआ: प्रज्ञा के जवाब से आयोग संतुष्ठ नहीं हुआ और बुधवार को प्रज्ञा ठाकुर पर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया। गुरुवार को प्रतिबंध शुरू होते ही प्रज्ञा शहरभर के करीब दो दर्जन मंदिरों में भजन करती नजर आईँ थी। इस मामले की शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से गुरुवार को की थी। इस मामले में कलेक्टर भोपाल को जांच के आदेश दिए थे।
नहीं लगा था प्रतिबंध: इधर कलेक्टर ने नरेला और उत्तर विधानसभा क्षेत्र के एएआरओ से रिपोर्ट मांगी। इस पर स्पष्ट हुआ कि मंदिर जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं किया गया। नोटिस की जांच के बाद आयोग ने शुक्रवार को प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस जारी किया था। इसका जवाब भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने शनिवार को दिया।
ये दिया जवाब: प्रज्ञा ने इस नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि मंदिर जाना प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है। मैं अपनी स्वेच्छा से मंदिर गई। मैंने किसी को वहां नहीं बुलाया। कैंपेनिंग के मामले में उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई कैंपेनिंग नहीं की है। वहीं एक अन्य नोटिस के जवाब में प्रज्ञा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई पर्चा नहीं बांटा है। लिहाजा अब इस मामले में पर्चा प्रकाशित करने वाले प्रकाशक को शनिवार को नोटिस जारी किया गया है, कि यह पर्चा किसने छपवाया। जवाब न दे पाने पर प्रकाश के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया जाएगा।