भोपाल। हजारों करोड़ से अधिक के ई टेंडर घोटाले में जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू ने पूर्व जल संसाधन विकास मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निज सचिव निर्मल अवस्थी से मंगलवार को तीसरी बार दिनभर पूछताछ की। जबकि वीरेंद्र पांडे पारिवारिक कारणों से उपस्थित नहीं हो सके। दोनों ने गुजरात की सोरठिया वेलजी रत्ना कंपनी को डब्ल्यूआरडी के दो टेंडर दिलाने में संदिग्ध भूमिका निभाई।
ईओडब्ल्यू के मुताबिक पूर्व जल संसाधन मंत्री मिश्रा के पूर्व निज सचिव वीरेंद्र पांडे डब्ल्यूआरडी के कर्मचारी हैं, जबकि निर्मल अवस्थी विधि विभाग से हैं। दोनों की ई-टेंडर में संदिग्ध भूमिका है। जांच एजेंसी ने माइल स्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे को गिरफ्तार किया था, जिसमें इन दोनों के नामों का खुलासा हुआ था। इसके बाद उनका नाम डब्ल्यूआरडी के दो टेंडरों में सामने आए हैं। डब्ल्यूआरडी के दो टेंडरों की कीमत 116 करोड़ थी।
सोरठिया वेलजी ने टेंडर वेल्यू 116 करोड़ भरी थी। लेकिन आस्मो कंपनी से सांठगांठ करके इसे 105 करोड़ रुपए किया गया था। इसके बाद दोनों टेंडर सोरठिया वेल जी कंपनी के नाम खुले थे। वहीं, जबलपुर हाईकोर्ट ने आस्मो कंपनी के तीन डायरेक्टर विनय चौधरी, सुमित गोलवलकर, वरुण चतुर्वेदी, एमपीएसईडीसी के नोडल अधिकारी नंद किशोर ब्रह्मे और एंट्रेस के वाइस प्रेसीडेंट मनोहर एम की जमानत अर्जियां हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दीं।